8 years ago#21
                                
                           ये कह कर आरती ने मनु के लंड को बिलकुल साफ़ कर दिया और उस पर लगा हुआ सारा माल वो चाट गयी.
अब सुबह-२ ही चुदाई करके दोनों थोडा थक गए थे,तो अब आरती उठी और मनु से बोली की अब मैं जा कर फ्रेश हो जाती हूँ थोड़ी देर में काम वाली भी आ जाएगी तू भी अब उठ जा,और ये कह कर आरती अपनी गांड मटकती हुई मनु के कमरे में से चली गयी.अब मनु भी बिस्तर से उठ गया और अपनी माँ की गांड को देकता रहा जब तक वो उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गयी.
फिर वो बिस्तर से निकल कर बाथरूम में चला गया,वहां पर बैठे-२ वो अपनी और अपनी माँ की रात की चुदाई के बारे में सोचने लगा,तो उसका लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा,फिर वो सोचते-२ काफी पीछे चला गया और जब से उसकी राज से दोस्ती हुई थी तब से अब तक के दौरान जो भी घटा वो सब वो सोचने लगा.तब उसकी समझ में आया की ये सब जो वो जिन्दगी के मज़े ले रहा है इसमें राज का बहुत बड़ा रोल है,हालाँकि वो ज्यादा फायदे में है की उसको बिना कुछ लगाये उसकी माँ जैसा शानदार माल छोड़ने को मिला पर इसमें भी कोई शक नहीं है की बिना उसके सहयोग के वो अपनी माँ को कभी भी नहीं पेल पता और जिस तरह से आजकल वो खुल कर उसकी रंडी बनी हुई है ऐसा तो वो कभी भी नहीं कर पता.यव सब राज के ही कारन हुआ था और उसको प्रिया की चूत भी तो राज ने ही दिलाई थी.तब उसको याद आया की वो प्रिया को तो बिलकुल ही भूल गया है.और राज का जैसा केरेक्टर है वो भी जरुर प्रिया की भी खूब बजता होगा.
तब उसने सोच की अब वो राज की मदद से और भी लड़कियों को चोदेगा.क्योंकि जब वो अपनी माँ की चुदाई में राज का साथ देता है तो राज को भी उसके लिए और लड़कियों का इंतज़ाम करना ही चाहिये,उसने सोच लिया की अब वो राज से कहेगा की उसको प्रिया के अलावा भी और मस्त -२ लड़कियों की चूत दिलवाए.
							 
                                
                              
								                              
                                                                      
                                          
                                       
								
								
								 अब सुबह-२ ही चुदाई करके दोनों थोडा थक गए थे,तो अब आरती उठी और मनु से बोली की अब मैं जा कर फ्रेश हो जाती हूँ थोड़ी देर में काम वाली भी आ जाएगी तू भी अब उठ जा,और ये कह कर आरती अपनी गांड मटकती हुई मनु के कमरे में से चली गयी.अब मनु भी बिस्तर से उठ गया और अपनी माँ की गांड को देकता रहा जब तक वो उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गयी.
फिर वो बिस्तर से निकल कर बाथरूम में चला गया,वहां पर बैठे-२ वो अपनी और अपनी माँ की रात की चुदाई के बारे में सोचने लगा,तो उसका लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा,फिर वो सोचते-२ काफी पीछे चला गया और जब से उसकी राज से दोस्ती हुई थी तब से अब तक के दौरान जो भी घटा वो सब वो सोचने लगा.तब उसकी समझ में आया की ये सब जो वो जिन्दगी के मज़े ले रहा है इसमें राज का बहुत बड़ा रोल है,हालाँकि वो ज्यादा फायदे में है की उसको बिना कुछ लगाये उसकी माँ जैसा शानदार माल छोड़ने को मिला पर इसमें भी कोई शक नहीं है की बिना उसके सहयोग के वो अपनी माँ को कभी भी नहीं पेल पता और जिस तरह से आजकल वो खुल कर उसकी रंडी बनी हुई है ऐसा तो वो कभी भी नहीं कर पता.यव सब राज के ही कारन हुआ था और उसको प्रिया की चूत भी तो राज ने ही दिलाई थी.तब उसको याद आया की वो प्रिया को तो बिलकुल ही भूल गया है.और राज का जैसा केरेक्टर है वो भी जरुर प्रिया की भी खूब बजता होगा.
तब उसने सोच की अब वो राज की मदद से और भी लड़कियों को चोदेगा.क्योंकि जब वो अपनी माँ की चुदाई में राज का साथ देता है तो राज को भी उसके लिए और लड़कियों का इंतज़ाम करना ही चाहिये,उसने सोच लिया की अब वो राज से कहेगा की उसको प्रिया के अलावा भी और मस्त -२ लड़कियों की चूत दिलवाए.
                                                    
